Sunday 28 June 2020

ऐसा भी होता है : गर्भवती महिला की मौत के बाद नहीं किया अंतिम संस्कार, लाश को पेड़ से लटकाकर लौटे घर


गर्भवती महिला का नहीं होने दिया गया अंतिम संस्कार
शव को जंगल में पेड़ को बांधकर लौट आये परिजन
वैज्ञानिक युग में अब भी अंधविश्वास कितना जिंदा है
कर्नूल : आंध्र प्रदेश के रुद्रावरम मंडल क्षेत्र के बी नागिरेड्डीपल्ले गांव में एक अमानवीय और इंसानियत को कलंकित करने वाली घटना प्रकाश में आई है। नौ महीने की गर्भवती महिला की मौत होने पर गांव वालों ने उसका अंतिम संस्कार करने पर आपत्ति व्यक्त की। साथ ही कहा कि पेट में बच्चा रहते समय अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि ऐसा करना गांव के लिए अनिष्ट (बुरा) है। इसके चलते लाचार मृतक महिला के परिजनों ने शव को जंगल में एक पेड़ को बांधकर चले आ गये।
एक ओर गर्भवती महिला की मौत से दुख में डूबे परजनों को गांव के प्रमुखों का आदेश या अंधविश्वास ने परेशान कर दिया या होना है। इतना ही नल्लमला जंगल के आसपास के गांव वालों को भयभीत होना पड़ा है। इस वैज्ञानिक युग में अब भी अंधविश्वास कितना जिंदा है। इसी का यह जीता जागता उदाहरण है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बी नागिरेड्डीपल्ले गांव निवासी धर्मेंद्र नामक व्यक्ति से लावण्या (20) की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। नौ महीने गर्भवती लावण्या को प्रसव वेदना के चलते शुक्रवार को शिरवेल्ली गांव से नंद्याल सरकारी अस्पताल ले गये। वहां पर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण लावण्या की डिलवरी होने से पहले ही मौत हो गई। परिजनों ने शनिवार को महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए बी नागिरेड्डीपल्ले लेकर आये और अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। इसी दौरान गांव के प्रमुख वहां पहुंचे और पेट में बच्चा रहने के कारण अंतिम संस्कार करने पर आपत्ति जताई।
इस दौरान गांव के प्रमुखों ने यह कहते हुए अंतिम संस्कार को रोका कि महिला के गर्भ में बच्चा रहते समय अंतिम संस्कार करना गांव के लिए अनिष्ट (बुरा) होता है। इसके चलते लाचार परिजनों ने आधी रात को गर्भवती महिला के शव को एक वाहन में नल्लमला जंगल में लेकर गये। अप्पनपल्ले गांव के पुलिबोनु नदी के पास एक पेड़ को महिला के शव को बिठाकर रस्सी से बांध दिये और लौट आ गये।
रविवार को रुद्रवरम, गोनमपल्ले और अप्पनपल्ले गांव के लोगों को खेतों में काम करने के लिए जाते समय रास्ते में फूल दिखाई दिये। कुछ लोगों ने साहस करके आगे जाकर देखा तो एक पेड़ को महिला का शव बंधा हुआ दिखाई दिया। यह देखकर वो भयभीत हो गये और वापस गांव लौट गये।
गांव वालों ने इस घटना के बारे में एसआई राम मोहन रेड्डी को जानकारी। उन्होंने मीडिया को बताया कि मृतक परिजन और गांव वालों से बातचीत करके अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे।