Sunday 28 June 2020

15 दिन तक मांग में सिंदूर सजाए बैठी रही पत्नी..उसे नहीं मालूम था कि उसका सुहाग उजड़ चुका है


राजस्थान. एक पत्नी के लिए यह कितना कष्टकर होगा कि उसे 15 दिन बाद पति की मौत की खबर मिले। यह महिला रोज अपनी मांग में सिंदूर भरती रही। उसे नहीं मालूम था कि अस्पताल में भर्ती उसके पति की मौत हो चुकी है। चूंकि कोरोना मरीजों के साथ किसी को रहने की इजाजत नहीं होती है, लिहाजा पत्नी और उसके बच्चे घर पर ही थे। लेकिन अस्पताल के फॉर्म में सही से जानकारियां नहीं भरने के कारण उसके पति की मौत की खबर पत्नी को 15 दिन बाद मिल सकी। 40 वर्षीय इस शख्स को 16 जून को पॉजिटिव होने पर अजमेर से जयपुर रैफर किया गया था। 24 जून को प्रतापनगर स्थित आरयूएचएस में उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने लाश को मर्चुरी में रखवा दिया था।
मां को संभालती रही बड़ी बेटी..
हंसराज जोरावत अजमेर जिले के अराईं कस्बे से सटे देवपुरी गांव के रहने वाले थे। हंसराज 16 जून को कोरोना पॉजिटिव निकलने पर अजमेर से जयपुर रैफर किए गए थे। यहां उन्होंने अपना पता देवपुरी, किशनगढ़ लिखवा दिया था। वहीं, जो मोबाइल नंबर लिखे थे, वे हंसराज के ही थे। यानी वे बंद हो चुके थे। ऐसे में पुलिस ने काफी पड़ताल की, लेकिन उनका पता नहीं ढूढ़ सकी। लिहाजा, लाश मर्चुरी में रखवा दी। 15 दिन बाद पुलिस पता ढूंढ पाई और घर पर खबर पहुंचवाई। पत्नी अपनी बेटी को लेकर भागी-भागी जयपुर पहुंची। वहां पॉलिथीन में लिपटी पति की लाश देखकर फूट-फूटकर रो पड़ी। उसकी बेटी मां को दिलासा देती रही।
बड़ी बहन की गोद में था भाई
हंसराज का जब जयपुर के आदर्श नगर मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब पत्नी दूर से हाथ जोड़कर उन्हें विदाई देती रही। इस बीच बड़ी बेटी मीनाक्षी अपने छोटे भाई को गोद में लिए मां को संभालती रही। हंसराज के घर का पता ढूंढने में प्रताप नगर थाने के सब इंस्पेक्टर सुंदरलाल और हेडकांस्टेबल किशन सिंह नाग ने काफी मेहनत की। हंसराज की किडनी खराब हो चुकी थीं। उन्हें बड़े भाई शिवराज ने मुखाग्नि दी।